Śrīkoṣa
Chapter 52

Verse 52.195

ब्रह्मा संमोहनं शक्तिर्दक्षिणामूर्तिरेव च।
अगस्त्यश्च शिवः प्रोक्तो मुनयोऽनुक्रमादिमे।। 52.195 ।।