Śrīkoṣa
Chapter 13

Verse 13.84

तद्वै विषमपादस्य अग्रात्तालसमं स्मृतम्।
तत्पार्ष्णिद्वयमद्यात्तु परिज्ञेयं द्विगोलकम्।। 13.84 ।।