Śrīkoṣa
Chapter 13

Verse 13.142

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वृत्तवैपुल्यमानेन लोचने पद्मपत्रवत्।
भ्रूयुग्मं नरसिंहोक्तं घ्राणाग्रं शुकचञ्चुवत्।। 13.142 ।।