Śrīkoṣa
Chapter 14

Verse 14.28

ध्यायेत् तत्र शुभे लग्ने पूजयेन्मूलविद्यया।
यजमानस्ततो वित्तैर्गौभिर्धान्यैर्गुरूत्तमम्।। 14.28 ।।