Śrīkoṣa
Chapter 19

Verse 19.28

एकांशं पादुकं विद्यात् चतुर्भिर्जगतीं पुनः।
त्रिभागं कुमुदं चैव तथैकांशेन पट्टिकाम्॥ 19.28 ॥