Śrīkoṣa
Chapter 22

Verse 22.7

गोमयेनोपलिप्यैशे पात्रं दर्भेषु सादयेत्।
हैमं वा राजतं ताम्रं रत्निमात्रं तु मण्डलम्॥ 22.7 ॥