Śrīkoṣa
Chapter 5

Verse 5.30

शिखा तु पिङ्गला ज्ञेया कवचं हेमसन्निभम्।
विद्युदाकारमस्त्रं स्यान्नेत्रं ज्वलनसन्निभम्॥ 5.30 ॥