Śrīkoṣa
Chapter 7

Verse 7.20

संहरेत् तत्प्रदेशिन्यौ मुद्रेयं कवचे स्मृता।
अग्रहस्तं परावृत्य बद्‌ध्वा नाराचमुष्टिवत्॥ 7.20 ॥