Śrīkoṣa
Chapter 10

Verse 10.58

तूष्णीं स गुरुणोद्दिष्टो यतवाक्कायमानसः।
जानुद्वयेन भूमिं तु विष्टभ्य नतिपूर्वकम्॥ 10.59 ॥