Śrīkoṣa
Chapter 36

Verse 36.115

एवं लक्षणमालभ्य कर्तुरिच्छापुरःसरम् ।
यो मोहादन्यमार्गेण कारयेन्मुनिसत्तम ॥ ३६।११५ ॥