Śrīkoṣa
Chapter 1

Verse 1.34

चरुं पुरुषसूक्तेन षोडशाहुतिमुत्तमाम् ।
जुहुयात् कुण्डमध्ये तु सर्वसम्पत्सुखावहम् ॥ १।३४ ॥